हिजबुल्लाह इजराइल के साथ छेड़ सकता है जंग
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- 12 बच्चों और किशोरों की मौत। • हिजबुल्लाह
- हसन नसरुल्ला ? • इजराइल के साथ जंग?
12 बच्चों और किशोरों की मौत
इजरायल और हिजबुल्लाह के हालिया हमलों और आरोपों ने खतरे को और बढ़ा दिया है। शनिवार को गोलान हाइट्स पर रॉकेट हमले में 12 बच्चों और किशोरों के मारे जाने की खबर है, जिसके लिए इजरायल ने हिजबुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि हिजबुल्लाह ने इन आरोपों को खारिज किया है।
पिछले नौ महीनों में इजरायल और उसकी उत्तरी सीमा के आसपास यह सबसे घातक हमला माना जा रहा है, जिससे विवाद और भी गहरा रहा है। गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच गोलीबारी की कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति और भी नाजुक हो गई है।
ये संगठन गंभीर हैं और इनके बीच तनाव को दूर करने के लिए विश्व समुदाय से अपील है कि वे संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में सक्रिय रहें।
हिजबुल्लाह ?
हिजबुल्लाह लेबनान में एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली संगठन है, जो ईरान द्वारा समर्थित शिया इस्लामवाद के राजनीतिक और सैन्य आधिपत्य का प्रतीक है। इसकी स्थापना 1980 के दशक में लेबनानी गृहयुद्ध और दक्षिणी लेबनान पर इजरायल के कब्जे के दौरान हुई थी।
हसन नसरुल्ला ?
हिजबुल्लाह ने 1992 से लेबनान के आम चुनावों में भाग लिया है और एक मजबूत राजनीतिक उपस्थिति बनाई है। संगठन के सशस्त्र विंग ने लेबनान में इजरायल और अमेरिकी सेना पर कई घातक हमले किए हैं।
जब 2000 में इजरायल ने लेबनान से अपनी सेना वापस ले ली, तो हिजबुल्लाह को इजरायल को बाहर निकालने में मदद करने का श्रेय भी दिया गया। तब से, हिजबुल्लाह ने विवादित क्षेत्रों में इजरायल की उपस्थिति को चुनौती देते हुए दक्षिणी लेबनान में बड़ी संख्या में मिसाइलों और सैन्य संरचनाओं को बनाए रखा है।
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2006 में हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच एक घातक युद्ध छिड़ गया, जिसकी शुरुआत हिजबुल्लाह द्वारा इजरायल पर सीमा पार से किए गए हमले से हुई। इस घटना के बाद, इजरायली सैनिकों ने हिजबुल्लाह को हटाने के प्रयास में दक्षिणी लेबनान में हमले और जमीनी घुसपैठ की, लेकिन इजरायल असफल रहा।
इसके बाद, हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों की संख्या में तेजी से वृद्धि की और अपने हथियारों को बेहतर बनाने के लिए भी काम किया। इस घटना ने पश्चिमी देशों, इजरायल और खाड़ी अरब देशों द्वारा हिजबुल्लाह को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने के लिए प्रेरित किया, जिसे संघर्ष का एक और घातक पहलू माना गया।
2006 में हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच एक घातक और हिंसक युद्ध छिड़ गया। युद्ध की मुख्य घटना हिजबुल्लाह द्वारा दक्षिणी लेबनान में सीमा पार से किया गया हमला था। इजरायल ने इसका कड़ा जवाब दिया और लेबनान में अपने सैनिकों को भेजा, जहां उन्होंने हिजबुल्लाह की चौकियों और संरचनाओं पर हमला किया। युद्ध 34 दिनों तक चला और इसके परिणामस्वरूप गंभीर क्षति और मानवीय त्रासदियाँ हुईं।
इजराइल के साथ जंग ?
युद्ध के बाद हिजबुल्लाह ने अपने लड़ाकों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि की, अपने उपकरणों को मजबूत किया और युद्ध के मैदान में अधिक से अधिक स्थान प्राप्त किए।
इस घटना ने पश्चिमी देशों, इजरायल और खाड़ी अरब देशों को हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि उन्होंने इस घटना को एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा और इसे एक नया आतंकवादी रुझान माना।
जिन अद्वितीय युद्ध स्थितियों में हिजबुल्लाह ने पीछे हटकर तैयारी की, उसने इसे एक कठिन राजनीतिक और सैन्य चुनौती बना दिया, जो आज भी साजिशों को परेशान करती है।
लेबनान में हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच तनाव इस समय बढ़ रहा है, जिसके कारण कई लोगों को जबरन निकाला जा रहा है और कई लोगों की जान जा रही है।
इजराइली अधिकारियों ने बताया है कि हिजबुल्लाह के हमलों के कारण 60,000 लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है, जबकि 10 नागरिकों सहित 33 लोग मारे गए हैं। तब से, इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले और विस्फोटक ड्रोन हमले किए हैं।
आतंकवादी संगठन और इजराइल के बीच ऐसी घटनाओं ने लेबनान में एक बड़ी भूमिका निभाई है, जिसके संभावित परिणाम क्षेत्र में बढ़ते तनाव और सुरक्षा की भावना को और मजबूत कर सकते हैं। विश्व समुदाय में आम चिंता है कि इस स्थिति में कोई भी गंभीर घटना घातक परिणाम पैदा कर सकती है, जिससे क्षेत्र में बढ़ते संघर्ष को और बढ़ावा मिल सकता है।