पन्ना के कारखाने में मिला एक मजदूर परिवार को 1 करोड़ का हीरा
यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में भीषण गरीबी से जूझ रहे एक आदिवासी परिवार को इतनी बड़ी संभावना मिलने की उम्मीद है। इनका वजन 19 कैरेट 22 सेंट है, जिसका वजन करीब एक करोड़ रुपये है। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि मेहनत और विश्वास से हर किसी को अपने सपने को पूरा करने का मौका मिल सकता है।
मनुवादा भगवान और उनके परिवार को इतनी बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने लंबे समय तक ईंट-पत्थर में रहकर मेहनत की और अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। उनके लिए बेंचमार्क एक बड़ी कलाकार है। इससे सिद्ध होता है कि परिश्रम, संघर्ष और निरंतर प्रयास से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अहिरगुवा निवासी चुनुवादा भगवान और उनके परिवार के लिए यह अनोखा स्थान है। चुन्नुवादा गौड़, एक साधारण मजदूर, ने लंबे समय तक गोदामों में काम किया। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इतने बड़े मकान तक पहुंचने का मौका दिया है। उन्होंने सिर्फ दो महीने पहले हीरा ऑफिस से अपने नाम पर खदान का पट्टा खरीदा था। उसके बाद से, वे रोजाना अपने परिवार के साथ दुकान में दुकानें तलाशते हैं, मगर अब उनकी मेहनत रंग लाई है।
एक सुबह, जब वे अपने परिवार के साथ कृष्णा कल्याणपुर पटी बजरिया में खनन क्षेत्र में गए, तो उनके बेटे गौड़ ने एक बड़े हीरे की खोज के दौरान खुदाई की। यह 19 कैरेट 22 सेंट का हीरा है, जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपये है। इस बड़े पैमाने पर मीटिंग के बाद हीरा ऑफिस में भीड़ लग गई।
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परिवार की खुशी-खुशी हीरा कार्यालय के उद्घाटन और अपनी अनमोल खोज के बारे में सभी को बताया। हीरा परखी और अनुपम सिंह ने इस शोरूम की फिल्म और उत्कृष्ट गुणवत्ता के निर्देशक की, इसे आगामी हीरा नीलामी में रखने का निर्णय लिया। इसमें परिवार के सदस्यों का भी योगदान बना रहेगा, और उन्हें इस महत्वपूर्ण क्षण में शामिल होने का अवसर मिलेगा।
2024 में, अभी तक हीरा ऑफिस में 8 पत्थर जमा हो गए हैं, जिनमें सबसे बड़ा हीरा यही 19 कैरेट 22 सेंट का है। यह हीरा गैलरी में एक महत्वपूर्ण आकर्षण बनेगा, जो चुनुवाडा भगवान और उनके परिवार के लिए एक गौरवशाली पल बनेगा।
पन्ने के डॉक्टर सुरेश कुमार ने रेजिडेंट डेक चुनुवादा गौड़ और उनके परिवार को बधाई दी है। जैसा कि बताया गया है, हीरा नीलाम पर 12 प्रतिशत टैक्स और 1 प्रतिशत टीडीएस शेष है, हीरा धारक के शेयर में भेजा जाएगा। यह निर्णय न केवल चुनुवादा भगवान के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए भी एक बड़ी राहत होगी, जो उनकी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है।
यह देखकर बहुत खुशी हुई कि अहिरगुवा गांव के जेबा परिवार को इतनी बड़ी सफलता मिली। वे 15 पुराने जमाने से पत्थरों के खदानों में मेहनत कर रहे थे और आज उन्हें इस महत्वपूर्ण गोदाम का काम मिला है। इस पैसे का उपयोग उनके घर परिवार की खुशियों और बच्चों की पढ़ाई के लिए किया जाएगा, जो एक अच्छे भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास से यह साबित होता है कि किसी भी सपने में सफर का सफर संभव है।