printnewsx

Latest Hindi News

samachar

आज का सोना और चांदी बाजार: 22 और 24 कैरेट के ताजा भाव

आभूषणों में सोने और चांदी की शुद्धता और गुणवत्ता

WhatsApp channel Join Now
Telegram channel Join Now

सदियों से सोना और चांदी दोनों ही मानवता के लिए मूल्यवान धातु रहे हैं। इनका उपयोग न केवल आभूषण बनाने में किया जाता है, बल्कि आर्थिक निवेश के रूप में भी इनका महत्व है। इन धातुओं की शुद्धता और गुणवत्ता कैरेट में निर्धारित की जाती है, जिसे समझना उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है।

सोने की शुद्धता

सोने की शुद्धता कैरेट में मापी जाती है। अधिकतम शुद्धता 24 कैरेट है, जिसमें कोई अशुद्धियाँ नहीं होती हैं। 24 कैरेट सोना बिल्कुल शुद्ध होता है, लेकिन इसकी कोमलता के कारण आभूषण बनाने में इसका उपयोग कम होता है। ज़्यादातर आभूषण 22 कैरेट सोने से बनाए जाते हैं, जिसमें 22 भाग शुद्ध सोना होता है और बाकी अन्य धातुएँ होती हैं। यह मिश्रण सोने की मज़बूती बढ़ाता है, जिससे आभूषण टिकाऊ बनते हैं।

आज का सोना और चांदी बाजार: 22 और 24 कैरेट के ताजा भाव
आज का सोना और चांदी बाजार: 22 और 24 कैरेट के ताजा भाव

22 कैरेट और 18 कैरेट सोना

22 कैरेट सोना आमतौर पर आभूषणों के लिए पसंद किया जाता है, क्योंकि यह एक संतुलन बनाए रखता है – यह एक तरफ़ शुद्धता प्रदान करता है और दूसरी तरफ़ आभूषणों को मज़बूती भी देता है। वहीं, 18 कैरेट सोने का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो 18 भाग शुद्ध सोने और 6 भाग अन्य धातुओं से बना होता है। इससे आभूषण और भी अधिक टिकाऊ हो जाते हैं और खास तौर पर सक्रिय जीवनशैली जीने वाले लोग इसे पसंद करते हैं।

ये भी पढ़ें:- अश्विन का ऐतिहासिक शतक: 147 साल में गेंदबाजी और बल्लेबाजी में अद्भुत उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बने

ये भी पढ़ें:- तिरुपति लड्डू संकट: धार्मिक आस्था और राजनीतिक खेल

ये भी पढ़ें:- इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत का संतुलित दृष्टिकोण: एक मानवीय दृष्टिकोण

चांदी की शुद्धता

आभूषण निर्माण में चांदी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चांदी की शुद्धता भी प्रतिशत में मापी जाती है। 92.5% चांदी को स्टर्लिंग सिल्वर कहा जाता है, जो आभूषण निर्माण में सबसे आम प्रकार है। शुद्ध चांदी में 99.9% चांदी होती है, लेकिन यह काफी नरम होती है और इसलिए आभूषणों के लिए उपयुक्त नहीं होती है।

हॉलमार्किंग सिस्टम

भारत में सोने और चांदी के आभूषणों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने हॉलमार्किंग सिस्टम लागू किया है, जिसे BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) हॉलमार्किंग के नाम से भी जाना जाता है। यह सिस्टम उपभोक्ताओं को आश्वस्त करता है कि वे जो आभूषण खरीद रहे हैं उसकी शुद्धता और गुणवत्ता प्रमाणित है। हॉलमार्किंग में धातुओं की शुद्धता के अलावा निर्माता का चिह्न और वर्ष भी शामिल होता है।

हॉलमार्किंग के लाभ

हॉलमार्किंग के कई लाभ हैं:

1. विश्वास: हॉलमार्किंग के माध्यम से उपभोक्ता को गुणवत्ता का आश्वासन मिलता है।

2. मानक: यह सुनिश्चित करता है कि सभी उत्पाद एक मानक के अनुसार बनाए गए हैं।

3. सुरक्षा: यह धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा के रूप में कार्य करता है।

 निवेश के रूप में सोना और चांदी

सोना और चांदी न केवल आभूषणों के लिए बल्कि निवेश के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इन धातुओं का वित्तीय बाजारों में एक स्थायी मूल्य होता है। सोने का उपयोग मुद्राओं के मूल्य को स्थिर करने के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, उद्योगों में भी चांदी की मांग बढ़ रही है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा क्षेत्रों में।

निष्कर्ष

उपभोक्ताओं के लिए सोने और चांदी की शुद्धता और गुणवत्ता को समझना महत्वपूर्ण है। हॉलमार्किंग प्रणाली के माध्यम से, उपभोक्ता यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे जो खरीद रहे हैं वह प्रमाणित है। सोने और चांदी के आभूषण न केवल सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व रखते हैं, बल्कि आर्थिक निवेश के रूप में भी महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, जब भी आप सोने या चांदी के आभूषण खरीदें, तो उनकी शुद्धता और हॉलमार्किंग की जांच करना न भूलें।

इस तरह सोने और चांदी के बारे में सही जानकारी के साथ आप न केवल अपने लिए सुंदर आभूषण चुन सकते हैं, बल्कि एक समझदारी भरा निवेश निर्णय भी ले सकते हैं।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Hello दोस्तो मेरा नाम अजय यादव है में पढ़ाई के साथ साथ माल्टीपाल बिज़नेस को भी रन कर रह हूं ताकी मेरी फाइनेंशियल प्रॉब्लम दूर हो सके अभी मेरी उम्र 20 है ब्लॉगिंग के साथ साथ मुझे हर तरह कि फिल्ड का एक्सपीरियंस है जिसकी सहायता से मेरा आज भी स्ट्रगल चल रहा है। शुक्रिया