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भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद भारत ने खो दिए कीमती स्थल

भारत-पाकिस्तान विभाजन

1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन को सिर्फ़ दो देशों का विभाजन नहीं माना जा सकता, बल्कि इसके परिणामस्वरूप कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौतिक विरासतों का भी बंटवारा हुआ। विभाजन की प्रक्रिया सिर्फ़ राजनीतिक ही नहीं थी, बल्कि इसमें एक अमूल्य सांस्कृतिक और भौतिक संपत्ति का भी बंटवारा हुआ, जिसने दोनों देशों की पहचान को प्रभावित किया। यहाँ कुछ प्रमुख चीज़ें दी गई हैं जो विभाजन के दौरान पाकिस्तान को मिलीं और आज भी उसके गौरव का हिस्सा हैं:

1. लाहौर का शाही किला और बादशाही मस्जिद:

लाहौर का शाही किला और बादशाही मस्जिद जैसी मुगलकालीन विरासतें, जो मुगलों की शान और वैभव का प्रतीक थीं, पाकिस्तान में आ गईं। ये विरासतें आज पाकिस्तान की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा हैं।

2. मोहनजोदड़ो:

सिंधु घाटी सभ्यता का यह प्राचीन शहर आज पाकिस्तान की ऐतिहासिक विरासतों में से एक है। यह दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और इसकी खुदाई से मिली चीजें पाकिस्तान के गौरव का हिस्सा हैं।

 3. क़ायदे आज़म मकबरा:

पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की कब्र कराची में स्थित है। यह मकबरा आज़ादी के संघर्ष की यादों को ताज़ा रखता है और पाकिस्तान के लिए एक राष्ट्रीय स्मारक है।

 4. कराची और ग्वादर बंदरगाह:

कराची बंदरगाह और हाल ही में विकसित ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान के महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र बन गए हैं। ग्वादर बंदरगाह को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत विशेष रूप से विकसित किया गया है और इसका रणनीतिक महत्व भी है।

 5. पेशावर और ख़ैबर दर्रा:

अपनी प्राचीनता और सांस्कृतिक विविधता के कारण पेशावर पाकिस्तान की पहचान का हिस्सा है। ख़ैबर दर्रा, जो भारत और अफ़गानिस्तान के बीच मुख्य मार्ग था, अब पाकिस्तान का हिस्सा है और इसकी रणनीतिक स्थिति आज भी महत्वपूर्ण है।

 6. पाकिस्तानी खेल प्रतिभा:

विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान ने क्रिकेट और हॉकी जैसे खेलों में अपनी पहचान बनाई है। इन खेलों में पाकिस्तान की उपलब्धियाँ उसे वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती हैं।

7. मकली का मकबरा:

सिंध में स्थित मकली का मकबरा एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। यह स्मारक पाकिस्तान की वास्तुकला और इतिहास की विरासत का प्रतीक है।

8. रक्षा उत्पादन और वैमानिकी:

विभाजन के बाद पाकिस्तान ने रक्षा और वैमानिकी क्षेत्र में भी बहुत प्रगति की है। इसके पास एक सक्षम रक्षा उद्योग है, जो आधुनिक तकनीक का उत्पादन करने में भी सक्षम है।

 9. लाहौर का शैक्षिक और सांस्कृतिक महत्व:

विभाजन से पहले भी लाहौर भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र था। विभाजन के बाद, यह पाकिस्तान का सांस्कृतिक हृदय बना रहा और कई प्रमुख विश्वविद्यालय और संस्थान वहाँ स्थित हैं।

10. पंजाब की कृषि:

विभाजन के समय पंजाब का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया, जो आज कृषि और खेती का एक प्रमुख केंद्र है। इस क्षेत्र की उपज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इन विरासतों और संसाधनों के अलावा, पाकिस्तान ने विभाजन के बाद भी अपनी पहचान और संस्कृति को समृद्ध किया है, जो आज वैश्विक मंच पर इसे खास बनाता है।

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